pm kisan dhan dhanya krishi yojana 2025 — पूरी और साफ जानकारी



पीएम धन धान्या कृषि योजना (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana) — संक्षेप में

प्रधानमंत्री धन धान्या कृषि योजना (PMDDKY) भारत सरकार की एक प्रमुख कृषि पहल है, जो कमजोर कृषि जिलों के सशक्तिकरण के लिए 2025 में घोषित की गई। इसे 2025-26 के केंद्रीय बजट में पेश किया गया और 16 जुलाई 2025 को कैबिनेट से मंजूरी मिली। योजना का लक्ष्य उत्पादन बढ़ाना, टिकाऊ कृषि प्रथाएँ अपनाना और किसानों की आय को बढ़ाना (दोगुना करना) है। योजना का क्रियान्वयन अक्टूबर 2025 से रबी सीज़न के साथ शुरू होगा।

पीएम धन धान्या कृषि योजना



उद्देश्य (Objectives)

  • 100 कमजोर कृषि जिलों का समग्र विकास।
  • बीज से लेकर बाजार तक (seed-to-market) समेकित सहायता देना — तकनीक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और वित्तीय सेवा का समन्वय।
  • फसल विविधीकरण, जल प्रबंधन और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहन।
  • छोटे व सीमांत किसानों की उपज और आय बढ़ाना।
  • कृषि में आत्मनिर्भरता और क्रॉप-इंटेंसिटी में सुधार।

प्रमुख फायदे (Benefits)

  • केंद्रित संसाधन: चुने हुए 100 जिलों को लक्षित निवेश और विशेषज्ञ सहायता।
  • 36 मौजूदा सरकारी कार्यक्रमों का एकीकृत उपयोग — किसानों को एक ही ढांचे में बहु-सरकारी सहायता।
  • बेहतर बीज, उन्नत खेती तकनीक, सिंचाई समाधान और पोस्ट-हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर (गोदाम, कोल्ड स्टोरेज) तक पहुँचना।
  • बाजार तक बेहतर पहुँच—किसान अपनी उपज के बेहतर दाम हासिल कर सकेंगे।
  • ऋण और वित्तीय समावेशन: किसानों के लिए क्रेडिट उपलब्धता में सुधार।
  • पर्यावरण-सहायक खेती (सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज) का प्रोत्साहन — जैसे जल संचयन, जैविक इनपुट्स व उन्नत प्रबंधन।

कौन पात्र है? (Eligibility)

  • योजना का प्राथमिक लक्ष्य: चुने हुए 100 कमजोर कृषि जिले हैं — इस कारण पात्रता जिलास्तर पर तय होगी।
  • सामान्य तौर पर लाभार्थी होंगे: वहां के किसान (छोटे, सीमांत और मध्यम) जिनकी खेती संबंधित गतिविधियाँ योजना क्षेत्र में आती हों।
  • लाभार्थी बनने के लिये जिला/राज्य स्तर पर बने दिशा-निर्देश और रजिस्ट्रेशन/सम्पर्क प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक होगा। (आम तौर पर कृषक रजिस्ट्रेशन — किसान पहचान/आधार/किसान कार्ड/जमीन रिकॉर्ड आदि जरूरी होंगे।)

योजना से जुड़ी मुख्य गतिविधियाँ (Key Components)

  • बीज व इनपुट्स: उन्नत बीज, पोषक तत्व व जैविक/कम-रासायनिक विकल्प।
  • प्रशिक्षण व तकनीकी सहायता: किसान ट्रेनिंग, एग्री-एग्ज़टेंशन सर्विसेज और डिजिटल खेती टूल्स।
  • सिंचाई व जल प्रबंधन: सूक्ष्म-सिंचाई, जल संचयन और जल संरचनाएँ।
  • पोस्ट-हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर: कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और मार्केट लिंकिंग।
  • वित्तीय सेवाएँ: किसान क्रेडिट, बीमा और मार्केटिंग सहायता।
  • फसल विविधीकरण व वैल्यू-एडिशन: मूल्य वर्धन गतिविधियाँ, प्रसंस्करण इकाइयाँ।
  • सोशल व माइक्रो-इन्फ्रास्ट्रक्चर: एफपीओ/किसान समूहों को सशक्त करना, स्थानीय सपोर्ट सिस्टम।

नोट: योजना में कुल 36 मौजूदा सरकारी कार्यक्रमों का समन्वय किया गया है — ताकि डुप्लिकेशन न हो और किसान को एक छत के नीचे पूरा सपोर्ट मिले।


आवेदन कैसे करें? (How to Apply)

योजना के प्रदेश/जिला स्तर संचालन व क्रियान्वयन के कारण आवेदन प्रक्रिया ज़िला/राज्य स्तर पर निर्धारित होगी। सामान्य स्टेप्स अनुमानतः ऐसे होंगे:

  1. अपने जिला/ब्लॉक कृषि कार्यालय से संपर्क करें — वहाँ योजना के तहत लाभार्थियों की सूची, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और स्थानीय संपर्क उपलब्ध होंगे।
  2. किसान रजिस्ट्रेशन/आधार-पंजीकरण — यदि पहले से न हुआ हो तो अपना किसान प्रोफ़ाइल (Kisan ID/Aadhar/land records/IFSC व बैंक डिटेल्स) रजिस्टर कराएँ।
  3. जरूरी दस्तावेज जमा करें — (नीचे दस्तावेजों की सूची दी गई है)।
  4. प्रोजेक्ट/प्रोजेक्ट-स्लिप सबमिशन — यदि आप किसी विशिष्ट उपक्रम (जैसे कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट या एफपीओ) के लिये आवेदन कर रहे हैं तो संबंधित प्रोजेक्ट विवरण जमा करें।
  5. स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी/ब्लॉक समन्वयक के माध्यम से वेरिफिकेशन — जिला स्तर पर सत्यापन के बाद लाभ प्रदान किया जाएगा।
  6. अनुदान/सब्सिडी या तकनीकी सहायता प्राप्ति — मंजूरी मिलने पर संसाधन, प्रशिक्षण और वित्तीय मदद जारी होगी।

आमतौर पर मांगे जाने वाले दस्तावेज (Documents Required — सामान्य)

  • आधार कार्ड / पहचान पत्र
  • जमीन/खेत के काग़ज़ (खसरा/खतौनी/रजिस्टर रिकॉर्ड) या पट्टे की प्रति
  • बैंक पासबुक या बैंक-खाता विवरण (IFSC सहित)
  • किसान पहचान (Kisan ID) या गठित किसान समूह/एफपीओ का रजिस्ट्रेशन (यदि लागू हो)
  • पासपोर्ट साइज फोटो और संपर्क विवरण
  • परियोजना से संबंधित दस्तावेज (यदि किसी इंफ्रास्ट्रक्चर/प्रॉसेसिंग के लिए आवेदन)

स्थानीय प्रशासन किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ की मांग कर सकता है — ज़िला/राज्य गाइडलाइन को देख लें।


योजना कब लागू होगी? (Timeline)

  • योजना 2025-26 वित्त वर्ष से लागू होने के लिए रखी गई है।
  • केंद्र ने 16 जुलाई 2025 को कैबिनेट मंजूरी दी।
  • क्रियान्वयन अक्टूबर 2025 से रबी सीज़न के साथ शुरू होने का प्रस्तावित समय बताया गया है (जैसा आपने उल्लेख किया है)।

जिलास्तर पर क्या उम्मीद रखें (On-ground Expectations)

  • चुने हुए जिलों में जिला प्रशासन व कृषि विभाग मिलकर स्थानीय आवश्यकता के मुताबिक कार्ययोजना बनाएगा।
  • हर जिले में एक समन्वय इकाई/डैशबोर्ड होगा जो उस जिले की कृषि गतिविधियों, निवेश और प्रगति ट्रैक करेगी।
  • किसान-घनिष्ठ कार्यक्रम — ट्रेनिंग कैम्प, डेमो प्लॉट्स और एफपीओ को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • बाज़ार कनेक्टिविटी और मूल्य-वर्धन के लिए प्राइवेट सेक्टर साझेदारी सम्भव है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q: क्या सिर्फ छोटे किसान लाभान्वित होंगे?
A: योजना का फोकस कमजोर कृषि वाले जिलों पर है; छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता मिलेगी, पर विवरण जिला-नीति पर निर्भर करेगा।

Q: क्या यह अनुदान (grant) है या ऋण?
A: योजना में सब्सिडी, तकनीकी सहायता और वित्तीय समावेशन—तीनों का मिश्रण हो सकता है। कुछ गतिविधियाँ अनुदान/सब्सिडी आधारित होंगी और कुछ क्रेडिट/लोन-सहायता के जरिये। विस्तृत शर्तें जिला-लेवल पर घोषित की जाएँगी।

Q: क्या मैं सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकता हूँ?
A: प्रत्येक राज्य/जिले के कार्यान्वयन मॉडल पर निर्भर करेगा। कुछ राज्यों में ऑनलाइन पोर्टल हो सकते हैं; अन्य जगहों पर जिला कार्यालय से संपर्क आवश्यक होगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

पीएम धन धान्या कृषि योजना 2025 का उद्देश्य भारत के कमजोर कृषि जिलों को सशक्त बनाकर उत्पादन, किफायती खेती और किसानों की आय बढ़ाना है। यह योजना मौजूदा 36 सरकारी कार्यक्रमों के समन्वय से बीज से बाजार तक समग्र मदद देगी और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देगी। अगर आप किसान हैं तो अपने जिला कृषि विभाग से संपर्क कर योजना के क्रियान्वयन व आवेदन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी अवश्य लें — ताकि आप अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाली गतिविधियों का लाभ उठा सकें।



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